उन्होंने आगे कहा, “एक ओर पूरे भारत को अपने आप में समेटे हमारी सांस्कृतिक राजधानी काशी है, तो दूसरी और, भारत की प्राचीनता और गौरव का केंद्र, हमारा तमिलनाडु और तमिल संस्कृति है। ये संगम भी गंगा यमुना के संगम जितना ही पवित्र है।”
प्रधानमंत्री ने लोगों से तमिल की विरासत को बचाने की अपील करते हुए कहा कि हमारे पास ये हम 130 करोड़ देशवासियों की जिम्मेदारी है कि हमें तमिल की इस विरासत को बचाना भी है, उसे समृद्ध भी करना है। उन्होंने आगे कहा कि हमारे पास दुनिया की सबसे प्राचीन भाषा तमिल है। आज तक ये भाषा उतनी ही पॉपुलर है।
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने काशी-तमिल संगमम पर आधारित लघु फिल्म के अलावा, काशी तमिल को जोड़ने वाली दो पुस्तकों का विमोचन भी किया। इस दौरान सांस्कृतिक समूहों ने कार्यक्रम का आयोजन किया। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री डॉ. एल मुरुगन, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और सांसद इलैयाराजा भी मौजूद थे।