2010 में आया Paytm
साल 2010 में शर्मा ने राजधानी दिल्ली के बाहरी क्षेत्र नोएडा में पेटीएम कंपनी की स्थापना की। टेलीकॉम बूम के उस दौर में पेटीएम को मोबाइल पेमेंट सर्विस देने के लिए लॉन्च किया गया था। दरअसल Paytm का फुल फॉर्म ही Pay Through Mobile है।
साल 2014 में पेटीएम ने वॉलेट लॉन्च किया, जो पूरे भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले डिजिटल वॉलेट में से एक बन गया। अगले कुछ वर्षों में पेटीएम ने खुद को टिकट बुकिंग, ई-कॉमर्स जैसे कई क्षेत्रों में फैलाया।
नोटबंदी और 100 मिलियन डाउनलोड
8 नवंबर 2016 को भारत में हुई नोटबंदी के बाद लोगों के बीच पेमेंट ऐप्स का इस्तेमाल बढ़ा। 2017 में पेटीएम ऐप को डाउनलोड करने वालों की संख्या 100 मिलियन को पार कर गई। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड था। आज पेटीएम के पास 150 मिलियन से अधिक एक्टिव यूजर्स हैं।
4 करोड़ सालाना सैलरी
अगस्त 2022 में प्रकाशित मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पेटीएम के संस्थापक और सीईओ (Chief Executive Officer) विजय शेखर शर्मा को कंपनी की तरफ से सालाना 4 करोड़ रुपये मिलता है। पेटीएम देश के डिजिटल पेमेंट मार्केट का करीब 40 प्रतिशत कंट्रोल करता है। बावजूद इसके कंपनी के एनुअल रेवेन्यू में कमी देखी जा रही है। वित्त वर्ष 2019 में कंपनी का रेवेन्यू 3,232 करोड़ रुपये था। 2020 में यह 3,281 करोड़ रुपया हुआ। पिछले वित्त वर्ष यानी 2021 में पेटीएम का रेवेन्यू लुढ़कर 2,802 करोड़ रुपया पहुंच गया था।