Today In History: आजाद भारत की जनगणना के इतिहास में 9 फरवरी का है खासा महत्व, जानिए क्या हुआ इस दिन

Today In History: 1951 में हुई जनगणना कहने को तो अपने आप में नौवीं जनगणना थी, लेकिन यह आजादी के बाद की पहली जनगणना थी. बंटवारे से न सिर्फ जनगणना में बहुत से बदलाव आए बल्कि इससे भारत का नक्शा भी बदला और देश में हिंदु मुस्लिम आबादी का अनुपात भी बदल गया.

नई दिल्ली: 

Today In History: जनगणना (Census) हर दस वर्ष में मनाया जाने वाला एक ऐसा राष्ट्रीय उत्सव है, जिसमें देश के हर हिस्से में रहने वाले हर नागरिक को शामिल किया जाता है.देश में 1871 के बाद से हर दसवें बरस जनगणना होती थी. इस लिहाज से 1947 में विभाजन और देश आजाद होने के बाद 1951 में हुई जनगणना कहने को तो अपने आप में नौवीं जनगणना थी, लेकिन यह आजादी के बाद की पहली जनगणना थी. बंटवारे (partition) से न सिर्फ जनगणना में बहुत से बदलाव आए बल्कि इससे भारत का नक्शा भी बदला और देश में हिंदु मुस्लिम आबादी (Hindu-Muslim population) का अनुपात भी बदल गया. आजाद भारत की जनगणना (India’s census) के इतिहास में नौ फरवरी का खास महत्व है क्योंकि इसी दिन जनगणना के लिए सूची बनाने का काम शुरू किया गया था.

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