88 साल के बुजुर्ग ने जीती 5 करोड़ की लॉटरी, 40 साल से आज़मा रहे थे किस्मत, मिली रकम से करेंगे ये काम
आधा पैसा वह डेरे के लिए बांट देगा और अपने दोनों बेटों में बराबर-बराबर बांट देगा.
पंजाब के डेराबस्सी (Punjab’s Dera Bassi) में 88 वर्षीय एक शख्स 5 करोड़ रुपये की लॉटरी (lottery) जीतकर रातों-रात ‘करोड़पति’ बन गया. डेरा बस्सी के त्रिवेदी कैंप निवासी महंत द्वारका दास (Mahant Dwarka Dass) ने लोहड़ी मकर सक्रांति बंपर लॉटरी (Lohri Makar Sakranti Bumper Lottery) जीती जिसने उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल दी. उनके इलाके में जश्न का माहौल है और उनके घर बधाई देने और यहां तक कि माला पहनाने के लिए लोगों का तांता लगा हुआ है.
दास ने कहा कि वह अक्सर लॉटरी टिकट खरीदते थे और अपने परिवार से शर्त लगाई थी. कि लॉटरी जीतने के बाद आधा पैसा वह डेरे के लिए बांट देगा और अपने दोनों बेटों में बराबर-बराबर बांट देगा. उन्होंने कहा, “मैं खुश हूं. मैं पिछले 35-40 सालों से लॉटरी खरीद रहा हूं. मैं जीत की रकम अपने दो बेटों और अपने ‘डेरा’ में बांटूंगा.”
उनके बेटे, नरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा, “मेरे पिता ने मेरे भतीजे को लॉटरी टिकट खरीदने के लिए पैसे दिए थे. वह इसे जीत गया और हम खुशी महसूस कर रहे हैं.”
जीरकपुर में लॉटरी का कारोबार करने वाले और परिवार को टिकट बेचने वाले लोकेश ने दावा किया कि करों की कटौती के बाद द्वारका दास को करीब 3.5 करोड़ रुपये मिलेंगे.
सहायक लॉटरी निदेशक, करम सिंह ने कहा, “पंजाब राज्य लोहड़ी मकर संक्रांति बम्पर लॉटरी 2023 के परिणाम 16 जनवरी को घोषित किए गए थे. उन्होंने (द्वारका दास) ने 5 करोड़ रुपये का पहला पुरस्कार जीता. निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद, उन्हें 30% कर काटकर राशि दी जाएगी.”
दिसंबर में, भारत के दुबई स्थित ड्राइवर अजय ओगुला ने अमीरात ड्रा में Dh15 मिलियन (33 करोड़ रुपये) का पुरस्कार जीता.
संयुक्त अरब अमीरात के दैनिक खलीज टाइम्स ने बताया, लॉटरी पुरस्कार जीतने के बाद, ओगुला ने कहा, “मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि मैंने जैकपॉट जीता”.
दक्षिण भारत के एक गांव के रहने वाले ओगुला चार साल पहले संयुक्त अरब अमीरात आए थे. खलीज टाइम्स ने बताया कि वर्तमान में एक ज्वैलरी फर्म में ड्राइवर के रूप में काम करते हुए, वह हर महीने 3,200 दिरहम कमाते हैं. ओगुला ने कहा, “मैं इस राशि से अपना चैरिटी ट्रस्ट बनाना जारी रखूंगा. इससे कई लोगों को मेरे गृहनगर और पड़ोसी गांवों में बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी.”