अनुच्छेद 370 पर फैसले का स्वागत, लेकिन कश्मीरी पंडितों की वापसी की ‘गारंटी’ का क्या : उद्धव
ठाकरे ने कहा, ‘‘हम यह भी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को कश्मीर में मिला दिया जाएगा, ताकि वृहद कश्मीर में चुनाव हो, जो हमारे देश का अविभाज्य हिस्सा है.’’
नागपुर:
शिवेसना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को अनुच्छे-370 पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कश्मीरी पंडितों की घाटी में सुरक्षित वापसी की ‘गारंटी’ देंगे. ठाकरे ने शीर्ष अदालत के निर्देश के अनुरूप जम्मू-कश्मीर में शीघ्र चुनाव कराने की भी मांग की.
उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखते हुए सोमवार को कहा कि यथाशीघ्र राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए और अगले साल 30 सितंबर तक विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
ठाकरे ने यहां विधानभवन परिसर में संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘हम उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हैं. जब अनुच्छेद 370 हटाया गया तो हमने इस कदम का समर्थन किया था. हम अगले सितंबर तक चुनाव कराने के न्यायालय के निर्देश का भी स्वागत करते हैं. हमें उम्मीद है कि चुनाव जल्द होंगे और लोगों को स्वतंत्र माहौल में मतदान करने का मौका मिलेगा.”
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र इस समय राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में चल रहा है.
ठाकरे ने कहा, ‘‘हम यह भी उम्मीद करते हैं कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को कश्मीर में मिला दिया जाएगा, ताकि वृहद कश्मीर में चुनाव हो, जो हमारे देश का अविभाज्य हिस्सा है.”
कश्मीर पंडितों की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘गारंटी शब्द प्रसिद्ध हो गया है. हम जानना चाहते हैं कि इसकी गारंटी कौन देगा कि कश्मीरी पंडित अब घर लौटेंगे और वोट देने के अपने अधिकार का प्रयोग करेंगे. क्या प्रधानमंत्री मोदी हमें इसकी गारंटी देंगे कि कश्मीरी पंडित सुरक्षित अपने गृह राज्य लौटेंगे?”