सबको कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा
चीफ जस्टिस छाया ने कहा, “वह किसी भी जिले का एसपी हो, यहां तक कि आपका आईजी, डीआईजी, आईएएस अधिकारी या डीजीपी हो, उसे कानून के दायरे से गुजरना होगा। केवल इसलिए कि वे पुलिस विभाग के प्रमुख हैं, वे किसी का घर नहीं तोड़ सकते। अगर इस तरह की कार्रवाई की अनुमति है तो इस देश में कोई भी सुरक्षित नहीं है। हम वैसे नहीं हैं। हमें कानूनी प्रक्रिया का पालन करना होगा।
बुलडोजर चलाकर कानून और व्यवस्था को नियंत्रित नहीं किया जा सकता
मुख्य न्यायाधीश छाया ने कहा कि हम सभी भारतीय एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं और पुलिस या प्रशासन का कोई भी अधिकारी जांच की आड़ में बिना अनुमति के किसी के घर पर बुलडोजर नहीं चला सकता है। उन्होंने कहा, “यहां और बार में मेरे सीमित करियर में मैंने किसी पुलिस अधिकारी को तलाशी वारंट के रूप में बुलडोजर का इस्तेमाल करते हुए नहीं देखा है।” मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि “जांच की आड़” में किसी के घर पर बुलडोजर चलाकर कानून और व्यवस्था को नियंत्रित नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि कानून और व्यवस्था शब्द भारतीय न्यायशास्त्र में एक साथ उपयोग किए जाते हैं।
रोहित शेट्टी और अजय देवगन की एक्शन फिल्म का जिक्र
मुख्य न्यायाधीश आरएम छाया ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘हल्की-सी बात है कि मैंने उस श्रेणी की हिंदी फिल्में भी नहीं देखी हैं। निर्देशक रोहित शेट्टी आपके एसपी की कहानी पेश कर सकते हैं। वह इस पर फिल्म बना सकते हैं। यह गैंगवार है या पुलिस का ऑपरेशन? उन्होंने कहा कि मैं अजय देवगन की उस फिल्म का नाम भूल गया। हालांकि उसके लिए भी उन्हें आदेश दिखाना पड़ा।’
गृह विभाग के बड़े अधिकारियों के पास जाकर रास्ता निकालें
हाई कोर्ट ने एसपी के वकील को इस मामले को पुलिस प्रशासन के सीनियर अधिकारियों के सामने उठाने का निर्देश दिया। चीफ जस्टिस आरएम छाया ने कहा, ‘हो सकता है कि आपके डीजी को भी इस घटना के बारे में जानकारी न हो तो इसे उच्च-अधिकारी के सामने रखें। इसे गृह विभाग में किसी उच्च-अधिकारी के सामने रखें नहीं तो यह कभी हल नहीं होगा। आपको इस प्रक्रिया का पता लगाना होगा, इसका कोई रास्ता निकालना होगा। आरोपी ने जो भी अपराध किया है, आप उस (आरोपी) पर मुकदमा चला सकते हैं। आपके एसपी को घर पर बुलडोजर चलाने की शक्ति किसने दी?