झारखंड में कुछ स्कूलों में ‘उर्दू’ की पुताई, कई जगह विरोध की वजह से रुके हाथ

जामताड़ा के विभिन्न स्कूलों के नामों के साथ उर्दू जोड़ने और रविवार की जगह शुक्रवार को सप्ताहिक छुट्टी के मामले में प्रशासन हरकत में आया है। उर्दू शब्द को पुताई से मिटा दिया गया है।

जामताड़ा के करमाटांड़ व नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के नाम के साथ उर्दू जोड़ने व रविवार की जगह शुक्रवार को सप्ताहिक छुट्टी के मामले में प्रशासन हरकत में आ गया है। बुधवार को राजकीयकृत उत्क्रमित उच्च विद्यालय बिराजपुर, उत्क्रमित मध्य विद्यालय बरमुंडी समेत अन्य विद्यालयों में नियम के विरूद्ध स्कूल के नाम के साथ अंकित उर्दू शब्द को रंग से पुताई कर मिटाया गया।

वहीं उत्क्रमित मध्य विद्यालय डुमरिया, उत्क्रमित उच्च विद्यालय बागबेर, प्राथमिक विद्यालय उपर भिठरा समेत कई अन्य विद्यालयों के नाम के साथ अंकित उर्दू शब्द को मिटाने की कोशिश करने पर विरोध का सामना करना पड़ा। जिस कारण कई विद्यालयों में ग्रामीणों के दबाव के कारण उर्दू शब्द को नही मिटाया जा सका। लिहाजा संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक की ओर से विभागीय अधिकारियों को पत्र लिखकर मदद की गुहार लगाई गई।

उपायुक्त ने नियम के विरूद्ध संचालित विद्यालयों की जांच का दिया निर्देश: उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने बुधवार (13 जुलाई) को पत्र जारी कर एसडीओ व जिला शिक्षा पदाधिकारी को संयुक्त रूप से करमाटांड़ प्रखंड क्षेत्र में सरकारी नियमों का उल्लंधन कर संचालित विद्यालयों के स्थल जांच का निर्देश दिया है। साथ ही उक्त पदाधिकारी द्वय को प्रत्येक विद्यालय का संचालन नियमानुसार कराने का फरमान जारी किया है। वही जिन विद्यालयों के विद्यालय प्रबंधन समिति द्वारा उक्त नियमों का उल्लंधन किया जा रहा है। वहां विद्यालय प्रबंधन समिति को भंग कर पुन: पुर्नगठन करना है।

उर्दू विद्यालय के अस्तित्व को लेकर अभिभावक व ग्रामीणों ने की बैठक

नारायणपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय चंपापुर के पोषक क्षेत्र के अभिभावक व ग्रामीणों ने बुधवार को बैठक की। इस दौरान ग्रामीणों ने दावा किया कि चंपापुर विद्यालय की उर्दू स्कूल के रूप में साल 1941 में स्थापना हुई है। यहां शुरू से उर्दू शिक्षक की पदस्थापना की जा रही थी। लेकिन झारखंड गठन के बाद उर्दू स्कूल से हिन्दी विद्यालय में परिवर्तित कर दिया गया है। जिसकी विधिवत जानकारी यहां के ग्रामीणों को भी नही दी गई है। यहां बदलाव ऑनलाइन रिपोर्ट की प्रक्रिया लागू होने के बाद की गई है। इस संबंध में ग्रामीणों ने उर्दू स्कूल के रूप चंपापुर विद्यालय का अस्तित्व बरकरार रखने के लिए मुख्यमंत्री सहित अन्य आला अधिकारियों से आग्रह किया है।

43 से अधिक विद्यालयों में हो रही थी शुक्रवार को सप्ताहिक छुट्टी

नारायणपुर व करमाटांड़ प्रखंड अन्तर्गत लगभग 43 से अधिक विद्यालयों मे रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी दी जा रही थी। यह मामला उजागर होने के बाद शिक्षा विभाग ने संज्ञान लिया और उर्दू विद्यालय को छोड़कर अन्य सभी स्कूल में रविवार की सप्ताहिक छुट्टी को अनिवार्य कर दिया। साथ ही सरकारी नियमों के अनुकुल विद्यालय के संचालन के लिए पर्यवेक्षण आरंभ हुई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *