छत्तीसगढ़ में 29 सीटें अनुसूचित जनजाति को आरक्षित, किसका कब्जा और किसे मिलेगा आदिवासियों का वोट?

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी घोषित किया है।

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है। वहीं संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी घोषित किया है। भाजपा के आदिवासी कार्ड ने UPA के विपक्षी दलों को चुनाव में समर्थन के मुद्दे पर पशोपेश में डाल दिया है। द्रौपदी मुर्मू छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य ओडिशा की निवासी और वे प्रदेश के पड़ोसी राज्य झारखंड में लंबे समय तक राज्यपाल रहीं। छत्तीसगढ़ में आदिवासी वर्ग के लिए 29 विधानसभा सीटें आरक्षित हैं। वर्तमान विधानसभा में 27 सीटों पर कांग्रेस और 2 सीटों पर भाजपा के विधायक काबिज है।

छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 71 विधायक हैं। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति के लिए 29 सीटें आरक्षित है, जिसमें 27 सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं। सिर्फ 2 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है। ऐसे में एनडीए के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को छत्तीसगढ़ के सिर्फ 2 आदिवासी विधायकों ननकीराम कंवर और डमरूधर पुजारी के वोट मिलेंगे। वहीं 27 आदिवासी विधायकों का समर्थन यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को मिलने की संभावना है। यूपीए के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने 1 जुलाई को रायपुर में सभी विधायकों और सांसदों से मुलाकात कर समर्थन मांगा।

आदिवासियों के लिए सौभाग्य का विषय
छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष व भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता देवलाल दुग्गा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में आदिवासियों के लिए यह गौरव की बात है कि द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया है। पहली बार देश में किसी आदिवासी को प्रथम नागरिक बनाने पहल की गई है। छत्तीसगढ़ के आदिवासियों में इससे उत्साह है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से भले ही कांग्रेस के विधायक ज्यादा हैं, लेकिन भाजपा के पास 9 सांसद, 1 राज्यसभा सांसद और 14 विधायक हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) और बहुजन समाज पार्टी ने एनडीए को समर्थन का ऐलान किया है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी विधायक किसे समर्थन देंगे, यह उनका और उनकी पार्टी पर निर्भर करता है।

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के आदिवासी विधायक
छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के 27 सीट पर कांग्रेस के विधायक हैं। कांग्रेस से आदिवासी वर्ग से अमरजीत भगत, अनिला भेड़िया, प्रेमसाय सिंह टेकाम, मनोज मंडावी, मोहन मरकाम, कवासी लखमा, देवती कर्मा, शिशुपाल सोरी, चिंतामणि महाराज, यूडी मिंज, गुलाब कमरो, बृहस्पत सिंह, डॉ. प्रीतम राम, विनय भगत, राजमन बेंजाम, चंदन कश्यप, लखेश्वर बघेल, विक्रम मंडावी, संतराम नेताम, अनूप नाग, इंद्रशाह मंडावी, केके ध्रुव, मोहित राम, लालजीत राठिया, चक्रधर सिंह सिदार, रामपुकार सिंह व लक्ष्मी ध्रुव विधायक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पार्टी स्तर पर इसका नफा और नुकसान तय  होता है। स्थानीय स्तर पर इस चुनाव का ज्यादा असर नहीं रहता है।

प्रदेश में सांसद व विधायकों की दलीय स्थिति
छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं। वहीं लोकसभा में 2 और राज्यसभा में 4 सांसद हैं। 2 सांसदों राजीव शुक्ला व रंजीत रंजन अभी हाल ही में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए हैं। यशवंत सिन्हा को छत्तीसगढ़ से अच्छी लीड मिलने की संभावना है। वहीं भाजपा के पास 14 विधायक, 9 लोकसभा सांसद और 1 राज्यसभा सांसद हैं। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसीजे) के 3 और बहुजन समाज पार्टी के 2 विधायक हैं। बसपा व जेसीसीजे ने NDA प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है। ऐसे में 19 विधायक और 10 सांसदों के वोट एनडीए प्रत्याशी को मिलेंगे।

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