अब डिर्ग्री से किसी तरह की छेड़छाड़ संभव नहीं , एकेटीयू करेगा आईआईटी कानपुर से करार

अब यूपी में इंजीनियरिंग कॉलेजों में ब्लॉकचेन तकनीक आधारित डिजिटल डिग्री दी जाएगी। नवम्बर में होने वाले दीक्षांत समारोह में यह डिग्री दी जाएगी। इस तकनीक से दी गई डिग्री में कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है।

अब यूपी में इंजीनियरिंग कॉलेजों में ब्लॉकचेन तकनीक आधारित डिजिटल डिग्री दी जाएगी। नवम्बर में होने वाले दीक्षांत समारोह में यह डिग्री दी जाएगी। इस तकनीक से दी गई डिग्री में कोई छेड़छाड़ संभव नहीं है, वहीं इससे नियोक्ताओं द्वारा डिग्रियों का सत्यापन भी किया जा सकेगा। अभी तक डा एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय डिजिलॉकर में डिग्री देता है।

ब्लॉकचेन से डिग्री जारी करने के लिए एकेटीयू आईआईटी कानपुर से करार करने जा रहा है। अभी देश के कुछ ही विवि इसे इस्तेमाल कर रहे हैं। एकेटीयू व इससे सम्बद्ध सभी 763 संस्थानों में इस तकनीक से डिग्री दी जाएगी। वर्तमान में 1.37 लाख विद्यार्थी इन संस्थानों में पढ़ रहे हैं।

क्यों है ये ज्यादा सुरक्षित एकेटीयू के प्रति कुलपति मनीष गौढ़ ने जानकारी दी है कि ब्लॉकचेन तकनीक इस मायने में सुरक्षित है कि इसमें डाटा में कोई भी परिवर्तन नहीं किया जा सकता। मसलन एक बार अंकपत्र जारी हो गया उसमें संशोधन संभव नहीं है। लेकिन यदि अंकपत्र संशोधित होगा और इसे डालेंगे तो यह नए रिकार्ड में दिखेगा। साथ ही पुराना भी दिखेगा।

10 विषयों में मिलेगी माइनर डिग्री
नए शैक्षणिक सत्र से बीटेक ( BTech ) में प्रवेश लेने वाले प्रथम वर्ष के छात्र-छात्राएं अपने मूल विषयों के साथ ही नए विषयों को भी पढ़ सकेंगे। छात्रों को नई जानकारी और कोर्स में विविधता देने के लिए बीटेक की मूल शाखा के साथ ही आर्टिफिशियल इंटीलेजेंस एण्ड मशीन लर्निंग, डाटा साइंस, वेस्ट टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स व अन्य अतिरिक्त विषयों का अध्ययन करने का मौका मिलेगा। इस अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को मूल डिग्री के साथ माइनर डिग्री भी दी जाएगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *