महिला वनडे विश्व कप 2025 की मेजबानी कर सकता है भारत, BCCI बोली लगाने की तैयारी में
भारत के 2025 में महिलाओं के 50 ओवर के विश्व कप की मेजबानी करने की संभावना है क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी की बोली लगाने की तैयारी में है।
भारत के 2025 में महिलाओं के 50 ओवर के विश्व कप की मेजबानी करने की संभावना है क्योंकि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट की मेजबानी की बोली लगाने की तैयारी में है। अगर भारत की बोली सफल रहती है तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की यह शीर्ष प्रतियोगिता एक दशक से अधिक समय बाद भारत में वापसी करेगी। भारत ने पिछली बार 2013 में महिलाओं के 50 ओवर के विश्व कप की मेजबानी की थी और तब आस्ट्रेलिया ने मुंबई में फाइनल में वेस्टइंडीज को 114 रन से हराकर खिताब जीता था।
आईसीसी का वार्षिक सम्मेलन बर्मिंघम में होना है और पता चला है कि इस बैठक के दौरान अगले चक्र में आईसीसी की चार बड़ी महिला प्रतियोगिताओं के लिए बोली स्वीकार की जाएगी। भारत 2025 में महिला के इस शीर्ष एकदिवसीय टूर्नामेंट की मेजबानी हासिल करने का प्रबल दावेदार है।
आईसीसी बोर्ड के सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ”चार महिला प्रतियोगिताओं के लिए बोली स्वीकार की जाएगी। इसमें 2024 और 2026 में होने वाले दो आईसीसी टी20 विश्व कप और 2025 में एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप भी शामिल है।”
भारत में महिलाओं की पिछली बड़ी वैश्विक प्रतियोगिता 2016 में टी20 विश्व कप था क्योंकि तब आईसीसी पुरुष और महिलाओं की प्रतियोगिता का आयोजन एक साथ करता था। महिला क्रिकेट की लोकप्रियता बढ़ने के बाद आईसीसी ने महिलाओं के क्रिकेट के लिए अलग प्रसारण करार किया। महिलाओं के 50 ओवर के पहले विश्व कप का आयोजन 1973 में हुआ था जो 1975 में इंग्लैंड में पुरुषों के पहले विश्व कप के आयोजन से दो साल पहले हुआ था। भारत 1978, 1997 और 2013 में तीन बार इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता की मेजबानी कर चुका है।
एक सूत्र ने कहा कि 2025 एकदिवसीय विश्व कप की मेजबानी की बोली लगाना बीसीसीआई का समझदारी भरा फैसला है। सूत्र ने कहा, ”बीसीसीआई अगले सत्र से महिला आईपीएल शुरू करना चाहता है, मुझे लगता है कि वे तुरंत किसी अन्य प्रतिष्ठित महिला टी20 प्रतियोगिता की मेजबानी नहीं करना चाहेंगे। इसलिए 2025 विश्व कप की मेजबानी के लिए बोली लगाने का फैसला तार्किक नजर आता है।”