महबूबा मुफ्ती ने फिर बोला केंद्र सरकार पर हमला, कहा- गुपकार गठबंधन से डरती है मोदी सरकार

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर को लेकर केंद्र की पॉलिसी फेल हो चुकी है। उन्होंने ये भी कहा कि केंद्र सरकार गुपकार गठबंधन से डरती है।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने रविवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए सरकार जम्मू-कश्मीर में गुपकार गठबंधन से डर गई है । उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार गुपकार गठबंधन से डरती है क्योंकि अगर हम और आप साथ आते हैं तो केंद्र की योजना फेल हो जाएगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि केंद्र को कश्मीर मामले पर अटल बिहारी वाजपेयी और मुफ्ती मोहम्मद सईद की नीति पर वापस आना होगा। पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लेरेशन एक राजनीतिक समूह है जिसमें जम्मू-कश्मीर के कई क्षेत्रीय दल शामिल हैं। अनुच्छेद 370 के खत्म होने के तुरंत बाद नेशनल कांन्फ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला के नेतृत्व में इस समूह का गठन किया गया था।

गुपकार ने की थी यासीन मलिक को मिली सजा की निंदा

हाल ही में गुपकार गठबंधन ने कश्मीरी अलगाववादी नेता यासीन मलिक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई जाने की खबर को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था। गुपकार समूह ने बयान जारी कर कहा था कि यासीन मलिक को सजा से कश्मीर में शांति के प्रयासों को झटका लगेगा। गौरतलब है कि इस महीने की शुरूआत में पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने श्रीलंका में चल रहे आर्थिक और राजनीतिक संकट का हवाला देते हुए कहा था कि ये भारत के लिए वेक अप कॉल है। उन्होंने कहा था कि साल 2014 से  भारत में सांप्रदायिक उन्माद और भय का माहौल पैदा किया जा रहा है। सामाजिक सौहार्द और आर्थिक सुरक्षा को ताक पर रखकर धार्मिक बहुसंख्यकवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।

कश्मीरी पंडितों की हत्या के लिए कश्मीरी फाइल्स फिल्म जिम्मेदार

पिछले कुछ समय से महबूबा मुफ्ती सरकार के खिलाफ बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में हैं। पिछले दिनों कश्मीरी पंडित राहुल भट की मौत के लिए महबूबा मुफ्ती ने हाल ही में रिलीज हुई फिल्म कश्मीर फाइल्स को जिम्मेदार ठहराया था। महबूबा मुफ्ती ने कहा था- हमने कश्मीरी पंडितों के लिए एक सुरक्षित माहौल बनाया है। 2016 में चरम अशांति के दौरान भी किसी कश्मीरी पंडित की हत्या नहीं हुई। उन्होंने कहा था कि कश्मीर फाइल्स से घाटी में एक बार फिर हिंसा शुरू हो गई है।

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