G-20 समिट के लिए सेना ने भी कसी कमर, एंटी ड्रोन सिस्टम से होगी निगरानी

भारतीय नौसेना भी जी 20 समिट के लिये दिल्ली में प्रमुख जगहों पर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात कर रही है. यह सिस्टम देश में बना है और डिजाइन भी यही का है. सेना की मेडिकल टीम भी चौबीसों घंटा तैयार रहेगी, ताकि किसी तरह की इमरजेंसी में लोगों की मदद की जा सके.

नई दिल्ली: 

दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को होने वाले जी-20 समिट (G-20 Summit 2023) को सफल बनाने के लिये सेना ने भी कमर कस ली है. सुरक्षा के मद्देनजर सेना दिल्ली पुलिस (Delhi Police) और प्रशासन को उनके जरूरत के मुताबिक हर तरह का सहयोग देगी. एक तरफ सुरक्षा के किले को अभेद्य बनाएगी, तो दूसरी तरफ प्रशासन को मदद करेगी.

एक्सप्लोसिव डिटेक्शन डॉग्स यूनिट तैनात रहेगी. करीब 15 से ज़्यादा ऐसे डॉग्स रहेंगे, जो विस्फोटक सामग्री रहने की स्थिति में उसे सूंघकर तुरंत सबको अलर्ट कर देंगे.

5 से 10 बम डिस्पोजल स्क्वॉड होंगे
5 से 10 बम डिस्पोजल स्क्वॉड भी तैनात रहेंगे. एक टीम में चार से पांच जवान होते हैं. ऐसे ट्रेनेड टेक्नीशियन होते है, जो बम का पता लगने पर उसे आसानी से डिफ्यूज कर सकते हैं. जिस गाड़ी में ये टीम होती है, उसमें एक रोबोटिक उपकरण भी होता है जो बम को निष्क्रिय कर सकता हैं.

एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात
भारतीय नौसेना भी जी 20 समिट के लिये दिल्ली में प्रमुख जगहों पर एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात कर रही है. यह सिस्टम देश में बना है और डिजाइन भी यही का है. सरकारी कंपनी बेल ने इसे डीआरडीओ की मदद से बनाया है. नौसेना पहले से ही इसे अपने प्रमुख सुरक्षा प्रतिष्ठानों में तैनात कर चुकी है, ताकि कही से कोई ड्रोन हमला ना हो सके.

मेडिकल टीम 24 घंटा रहेगी तैनात
इतना ही सेना की मेडिकल टीम भी चौबीसों घंटा तैयार रहेगी, ताकि किसी तरह की इमरजेंसी में लोगों की मदद की जा सके. वही, देश को किसी भी आसमानी खतरे से सुरक्षित रखने के अपने कर्तव्य के मुताबिक भारतीय वायुसेना दिल्ली एनसीआर इलाके में समग्र हवाई सुरक्षा के लिए व्यापक कदम उठाएगी. जैसा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस जैसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों के दौरान होता है.

मानव रहित हवाई निगरानी भी होगी
इसके अलावा दिल्ली पुलिस के साथ मिलकर मानव रहित हवाई निगरानी की रणनीति विकसित की गई है, जिसमें सभी सशस्त्र बल और सीएपीएफ शामिल हैं. दिल्ली में जी-20 सम्मेलन के अंतर्गत पहली बार दुनिया के 20 सबसे शक्तिशाली देशों के प्रमुख आ रहे हैं. जाहिर है इन नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था सबसे जरूरी है. इसलिए सरकार दिल्ली को ऐसे अभेद किले में तब्दील करने में जुटी है जहां परिंदा भी पर नहीं मार सके.

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