कप्तान रोहित का उदाहरण देते हुए आकाश ने वनडे में दिया सूर्यकुमार के लिए यह सुझाव

सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) को लेकर अब यक्ष प्रश्न यह हो चला है कि आखिर वनडे में उनसे रन क्यों नहीं बन पा रहे हैं?

नई दिल्ली: 

विंडीज के खिलाफ तीसरे टी20 (wi vs ind 3rd t20i) में सूर्यकुमार यादव (suryakumar yadav) ने 44 गेंदों पर 10 चौकों और 4 छक्कों से 83 रन बनाकर संघर्ष का सूखा खत्म जरूर किया, लेकिन इससे वह बड़ा सवाल खत्म नहीं हो जाता, जो फन उठाए खड़ा है. और इसका जवाब खुद जल्द से जल्द सूर्य को ही देना होगा. और यक्ष प्रश्न यह है कि आखिर इस बल्लेबाज को वनडे में क्या हो जाता है? सवाल इसलिए बड़ा हो चला है क्योंकि यादव को प्रबंधन ने नंबर-4 बल्लेबाज के रूप में तैयार करने की प्लानिंग की थी, जो पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है. खुद यादव ने तीसरे टी20 मुकाबले के बाद माना कि वनडे में उनके आंकड़े सही नहीं हैं. सूर्य 26 वनडे में सिर्फ 511 रन ही बना सके.

सूर्यकुमार की समस्या पर अब पूर्व ओपनर आकाश चोपड़ा ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा कि सूर्य ने बहुत ही ईमानदारी से यह स्वीकार किया है कि वनडे में वास्तव में उनका रिकॉर्ड खराब है. इसमें न ही कोई शर्म की बात है और न ही छिपाने की कोई बात है. और सूर्य पहले से ही यह अच्छी तरह से जानते हैं कि हर कोई उनके बारे में क्या कह रहा है. चोपड़ा ने कहा कि सूर्यकुमार ने खुद यह बताया है कि कप्तान रोहित और कोच राहुल ने उसने कहा है कि उन्हें इस फॉर्मेट को थोड़ा और बेहतर तरीके से सीखने की जरुरत है.

आकाश ने जोर देते हुए कहा कि रोहित के लिए भी एक समय टेस्ट क्रिकेट की नब्ज को पकड़ना खासा मुश्किल था. साथ ही, यह भी सभी ने देखा है कि कैसे भारतीय कप्तान के खुद को बतौर ओपनर में बदलने में कैसे उनके टेस्ट करियर को लंबा खींचने में मदद मिली है. इसी तरह सूर्यकुमार को भी बाकी फॉर्मेट समझने के लिए कुछ समय की जरुरत है.

उन्होंने कहा कि अगर आप रोहित की ओर देखते हो, तो याद आएगा कि वह करियर के शुरुआती दिनों में मिड्ल ऑर्डर में खेल रहे थे. तब वह फॉर्मेट को लेकर सहज नहीं थे. वह अच्छी बल्लेबाजी करते थे, लेकिन खराब स्ट्रोक खेलकर आउट हो जाते थे. तब  तमाम लोग हैरानी जताते थे कि जब सब कुछ सही जा रहा होता था, तो वह खराब शॉट खेलकर आउट क्यों हो जाते थे? पूर्व ओपनर ने कहा कि यह उनके करियर की शुरुआत में था. लेकिन पारी शुरू करने के बाद रोहित ने फॉर्मेट की नब्ज को समझ लिया. अब ऐसा महसूस होता है कि रोहित को टेस्ट क्रिकेट से प्यार हो चुका है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *