“अंजलि की दोस्त निधि पर धारा 302 लगनी चाहिए” : कंझावला मामले में पीड़ित परिवार की मांग

डॉक्टर ने कहा, “एक हत्या को जघन्य तब माना जाता है, जब पीड़ित को मौत से पहले क्रूरता से प्रताड़ित किया जाता है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसे 40 चोटें आईं थीं.”

नई दिल्ली: 

अंजलि सिंह के परिवार ने बुधवार को दावा किया कि उन्होंने निधि को न तो कभी देखा था और न ही उसके बारे में अंजलि से सुना था. निधि झूठ बोल रही है और उस पर हत्या का आरोप लगाया जाना चाहिए. दुर्घटना वाले दिन के बारे में बताते हुए निधि ने कहा था कि अंजलि नशे में थी और खुद स्कूटी चलाने पर जोर दे रही थी.

अंजलि के परिवार के डॉक्टर ने निधि के इन दावों को भी खारिज कर दिया कि दुर्घटना की रात अंजलि बहुत नशे में थी, यह कहते हुए कि शव परीक्षण रिपोर्ट में उसके पेट में शराब का कोई निशान नहीं मिला. अंजलि की मां ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी बेटी ने अपने जीवन में कभी शराब नहीं पी है. रेखा देवी ने कहा, “मैंने निधि को कभी देखा या सुना नहीं है. वह कभी हमारे घर नहीं आई. वह झूठ बोल रही है. मेरी बेटी ने कभी शराब नहीं पी. वह कभी शराब पीकर घर नहीं आई. निधि झूठ बोल रही है.”

अंजलि की नए साल के शुरुआती घंटों में मौत हो गई थी. 31 दिसंबर को पार्टी कर घर लौट रही अंजलि की स्कूटी को को 1 जनवरी तड़के करीब दो बजे एक कार ने टक्कर मार दी थी और उसे 13 किलोमीटर तक घसीटती चली गई. अंजलि का शव बाहरी दिल्ली के कंझावला में मिला था. कथित तौर पर कार में सवार पांच लोगों पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. पांचों आरोपियों को सोमवार को तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.

अंजलि के चाचा प्रेम ने निधि के बयानों पर सवाल उठाते हुए कहा, “उसने घटना की जानकारी किसी को क्यों नहीं दी? वह झूठ बोल रही है. उसने पुलिस और अपने परिवार को सूचित क्यों नहीं किया? वह पुलिस के पास क्यों नहीं आई? हम पुलिस जांच से संतुष्ट हैं, लेकिन उन्हें कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. यह दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या है. निधि पर धारा 302 लगनी चाहिए.”

अंजलि के फैमिली डॉक्टर भूपेश ने कहा कि यह सामान्य हत्या नहीं थी. उन्होंने कहा, “ऑटोप्सी रिपोर्ट के अनुसार, पेट के अंदर खाना था. अगर वह नशे में होती, तो रिपोर्ट में रसायन की मौजूदगी का जिक्र होता. लेकिन रिपोर्ट कहती है कि केवल भोजन (पेट के अंदर) का पता चला है.” डॉक्टर ने कहा, “एक हत्या को जघन्य तब माना जाता है, जब पीड़ित को मौत से पहले क्रूरता से प्रताड़ित किया जाता है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, उसे 40 चोटें आईं थीं.”

निधि ने पहले कहा था कि अंजलि को अपनी कार के नीचे घसीटने के आरोपी पांच लोगों ने उसे “जानबूझकर” मार डाला, क्योंकि वे यह जानने के बावजूद गाड़ी चलाते रहे कि अंजलि वाहन के नीचे फंसी हुई है. उस भयावह रात को याद करते हुए निधि ने कहा कि कार में कोई म्यूजिक नहीं चल रहा था. ड्राइवर को पता था कि अंजलि को पहियों के नीचे घसीटा जा रहा है.

निधि ने कहा था कि अंजलि कार के नीचे फंस गई और उसे कार में घसीटा गया. कार में सवार लोगों ने एक बार भी अंजलि को बचाने की कोशिश नहीं की. उसने कहा था कि उसने दुर्घटना के बारे में किसी को नहीं बताया, क्योंकि वह डरी हुई थी और उसे डर था कि इसके लिए उसे दोषी ठहराया जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *