दिल्ली मेयर के लिए चुनाव 16 फरवरी को, पिछली तीन बैठकों में नहीं हो सका फैसला

दिसंबर में हुए दिल्ली नगर निगम चुनाव में अपनी जीत के बाद आम आदमी पार्टी के पास बहुमत है, लेकिन गुप्त मतदान और क्रॉस वोटिंग महापौर पद के चुनाव में परिणाम बदल सकते हैं.

नई दिल्ली: 

16 फरवरी को दिल्ली नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव होगा. इसके लिए दिल्ली नगर निगम की बैठक 16 फरवरी को होगी. अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आज सुबह 16 फरवरी को मेयर चुनाव कराने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया. भाजपा और आम आदमी पार्टी के खींचतान के बीच 6 व 24 जनवरी व 6 फरवरी को पार्षदों की बैठक हुई पर मेयर का चुनाव नहीं हो सका.

उपराज्यपाल द्वारा नामांकित 10 पार्षदों को वोट देने की अनुमति दिए जाने के बाद आम आदमी पार्टी के सदस्यों के भारी विरोध के बीच नगर निगम की बैठक को रद्द कर दिया गया था. दिल्ली नगर निगम अधिनियम कहता है कि मनोनीत सदस्य या एल्डरमैन सदन की बैठकों में मतदान नहीं कर सकते हैं.

आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा किसी भाजपा नेता को महापौर (मेयर) पद के लिए चुनकर दिल्ली नगर निगम पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है. हाल ही में दिल्ली नगर निगम के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने भाजपा से अधिक सीटें जीती थीं. हालांकि, दिसंबर के दिल्ली नगर निगम चुनाव में अपनी जीत के बाद आम आदमी पार्टी के पास निगम में बहुमत है, लेकिन गुप्त मतदान और क्रॉस वोटिंग महापौर पद के चुनाव में परिणाम बदल सकते हैं.

दिसंबर में हुए एमसीडी चुनावों में आम आदमी पार्टी स्पष्ट विजेता के रूप में उभरी. उसने 134 वार्डों में जीत हासिल की और निकाय निकाय में भाजपा के 15 साल के शासन को समाप्त कर दिया. वहीं बीजेपी ने 104 वार्ड जीतकर दूसरा स्थान हासिल किया. कांग्रेस महज नौ सीटें ही जीत पाई. पिछले साल नगर निकाय के तीनों डिविजनों के विलय के बाद 10 साल में यह पहली बार होगा, जब शहर में एक महापौर होगा.

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