अब ‘आदिपुरुष’ में नहीं सुनाए देंगे ‘तेरी बुआ का बगीचा है’ जैसे डायलॉग, फिल्म निर्माता और मनोज मुंतशिर संवादों में करेंगे बदलाव

आदिपुरुष रामायण पर आधारित फिल्म है. जब फिल्म में इस तरह के संवाद सुनाए दिए तो लोगों को एकदम नागवार गुजरे और सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर जमकर लिखा भी जा रहा है. लेकिन निर्माताओें और फिल्म के डायलॉग राइटर ने जन भावनाओं को देखते हुए इन संवादों में बदलाव करने की बात की है.

नई दिल्ली: 

कपड़ा तेरे बाप का. तेल तेरे बाप का. आग भी तेरे बाप की. जलेगी भी तेरे बाप की. तेरी बुआ का बगीचा है क्या जो हवा खाने चला आया.  जो हमारी बहनों को हाथ लगाएंगे उनकी लंका लगा देंगे. मेरे एक सपोले ने तुम्हारे शेषनाग को लंबा कर दिया अभी तो पूरा पिटारा भरा पड़ा है. ये कुछ संवाद हैं जो प्रभास, कृति सेनन और सैफ अली खान की आदिपुरुष में सुनने को मिलते हैं. आदिपुरुष रामायण पर आधारित फिल्म है. जब फिल्म में इस तरह के संवाद सुनाए दिए तो लोगों को एकदम नागवार गुजरे और सोशल मीडिया पर इन्हें लेकर जमकर लिखा भी जा रहा है. लेकिन निर्माताओें और फिल्म के डायलॉग राइटर ने जन भावनाओं को देखते हुए इन संवादों में बदलाव करने की बात की है.

‘आदिपुरुष’ की टीम ने एर बयान जारी कर कहा है कि निर्माता फिल्म में डायलॉग्स पर फिर से विचार कर रहे हैं. ताकि फिल्म के मूल सार से संबंध रख सके. बदले डायलॉग के साथ फिल्म ‘आदिपुरुष’ आने वाले कुछ दिनों में फिल्म से देखने को मिलेगी. आपको बता दें कि रिलीज होने के बाद से ‘आदिपुरुष’ लगातार आलोचना का सामना कर रही है. पहले दिन ‘आदिपुरुष’ की कमाई भले बेहतर रही हो, लेकिन डायलग्स से लेकर वेष-भूषा तक के लिए इस फिल्म की जमकर आलोचना हो रही है.

इतना ही नहीं फिल्म को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल भी किया जा रहा है. बहुत से लोग फिल्म के मेकर्स और डायलॉग लेखक मनोज मुन्तशिर पर गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. इस बीच अब लोगों की भावनाओं और गुस्से को देखते हुए मनोज मुन्तशिर और ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स ने बड़ा फैसला लिया है.

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