“मुझसे कोई राय नहीं ली जाती”; बिहार सीएम नीतीश कुमार पर जमकर बरसे उपेंद्र कुशवाहा

दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा कि व्यक्तिगत रूप से संसदीय दल का अध्यक्ष होने के बाद भी कभी भी किसी उम्मीदवार के चयन में मुझसे सलाह तक नहीं ली गई. जबकि संसदीय बोर्ड की भूमिका होती हैं.

बिहार की सियासत में इन दिनों सीएम नीतीश कुमार और दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाह की तल्खियों की खबर जमकर सुर्खियां बटोर रही है. अब जदयू के दिग्गज नेता उपेंद्र कुशवाहा ने एक प्रेस कांफ्रेंस में नीतीश पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा है कि भले पार्टी ने उन्हें संसदीय दल का अध्यक्ष बनाया हो लेकिन वो एक झुनझुना था. दो साल में संसदीय दल के कमिटी का मनोनयन तक नहीं किया. व्यक्तिगत रूप से संसदीय दल का अध्यक्ष होने के बाद भी कभी भी किसी उम्मीदवार के चयन में मुझसे सलाह तक नहीं ली गई जबकि संसदीय बोर्ड की भूमिका होती हैं. मैं सरकारी नौकरी नहीं कर रहा बल्कि राजनीति कर रहा हूं. एमएलए बनना और एमएलसी बनना किसी के लिए नौकरी नहीं होती. राजनीति में रहकर लोगों के हितों की रक्षा करना, न्याय दिलाना, पार्टी के सिद्धांतों को आगे बढ़ाना मुख्य मकसद होता है. कोई भी पद किसी कार्य करना का महज जरिया यानी साधन होता है,

इसी के साथ उन्होंने कहा कि हमारे सुझाव पर पार्टी ने कभी अमल नहीं किया गया. यहां तक कि मेरी बातो का खंडन राष्ट्रीय अध्यक्ष या नीतीश जी कर सकते हैं. विधान परिषद का सदस्य मेरे लिए लॉलीपॉप हैं. हम हिस्सा लेंगे ऐसे नहीं जाने वाले हैं. पार्टी के मज़बूती के लिए कुछ नहीं हो रहा हैं. संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष एक झुनझुना जैसा था क्योंकि संसदीय बोर्ड के लिए कोई अधिकार पार्टी के संविधान में नहीं था. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हिस्सा नहीं दिया. यह हिस्सा वही है जो लालू यादव से साल 1994 में मांगा था. आज वही हिस्सा हम नीतीश कुमार से मांग रहे हैं. अगर वह कहते हैं कि वह स्नेह करते हैं तो वह एक तरफ प्रेम की बात कह रहे और दूसरी तरफ भगा रहे हैं. उपेन्द्र कुशवाहा ने साफ़ किया कि पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार से आख़िर किस तरह की हिस्सेदारी उन्हें चाहिए.

इससे पहले उपेंद्र कुशवाहा ने सोमवार को आरोप लगाया कि राज्य के भोजपुर जिले में उनकी कार पर पथराव किया गया. राज्य विधान परिषद के सदस्य कुशवाहा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कुमार और बिहार पुलिस को टैग करते हुए यह आरोप लगाया. कुशवाहा ने इस बारे में ट्वीट करते हुए बताया था, ‘‘भोजपुर जिले के जगदीशपुर में नयका टोला मोड़ के पास से गुजर रहे काफिला में शामिल मेरी गाड़ी पर कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक हमला कर दिया, पत्थर फेंका. सुरक्षाकर्मियों के दौड़ाने पर सभी भाग गये.”कुशवाहा ने राज्य की राजधानी लौटने पर दावा किया कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि हमला किसने किया और हमलावरों का मकसद क्या था.

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