महासमुंद : मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान : सात सौ ऑगनबाड़ी केन्द्रों में बनाई गई पोषण वाटिका

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की कुपोषण मुक्ति की पहल पर छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर 2019 को शुरू हुए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को लगभग चार वर्ष का समय हो गया। इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं। महासमुंद जिले के पूरे क्षेत्र में कुपोषण एवं एनीमिया को जड़ से समाप्त करने कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। इस कार्यकम में जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे है।
महामसुंद जिले में महिला एवं बाल विकास अंतर्गत 1795 ऑगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत है। जिसमें से सात सौ ऑगनबाड़ी केन्द्रों मे पोषण वाटिका विकसित की गई है। सुपोषण अभियान के अंतर्गत जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में सुपोषण वाटिका तैयार कर सब्जी का उपयोग भी किया जा रहा है। साथ में सभी प्रकार के स्थानीय साग भाजी एवं खाद्य पदार्थों को शामिल कर भोजन जिसके माध्यम से ऑगनबाड़ी कार्यकर्ताएं पोषण वाटिका, बाड़ी में लगे फलों व सब्जियों का उपयोग कर रोटी के साथ साग-भाजी, हरी सब्जी तथा मुनगा भाजी नियमित रूप से बच्चों को दी जा रही है।
मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को कम करने एवं महिलाओं, किशोरी बालिकाओं में एनीमिया को कम करने हेतु लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान में कुपोषण को कम करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही है। सभी हितग्राहियों को गर्म भोजन एवं रेडी-टू-ईट खिलाया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओ द्वारा नियमित रूप से गृह भेंट करके व्यक्तिगत साफ-सफाई, स्वास्थ्य जांच, कृमि नाशक दवा खिलाया गया। आंगनबाड़ी केन्द्रों में मिलने वाली पूरक पोषण रेडी-टू-ईट को 6 दिन में खिलाने की समझाईश दी जाती है। खान-पान में विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *