नागालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला : अमित शाह

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांतिपूर्ण और समृद्ध उत्तर-पूर्व क्षेत्र की परिकल्पना को साकार करने के लिए पिछले 4 वर्षों में उत्तर-पूर्व राज्यों में कई शांति समझौते लागू किए गए.

नई दिल्ली: 

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने आज बताया कि नागालैंड, असम और मणिपुर में अशांत क्षेत्रों को कम करने का फैसला किया गया है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए प्रभावी कदम के कारण हो पाया है. उत्तर-पूर्वी राज्यों में सुरक्षा स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है और विकास में तेजी आई है. गृह मंत्रालय के अनुसार, वर्ष 2014 की तुलना में, वर्ष 2022 में उग्रवादी घटनाओं में 76% की कमी आई है. उसी प्रकार इस अवधि में सुरक्षाकर्मियों और नागरिकों की मृत्यु में क्रमश: 90% और 97% की कमी आई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार के लगातार प्रयासों से पूर्वोत्तर भारत की सुरक्षा स्थिति में अभूतपूर्व सुधार हुआ है और केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम के तहत दशकों बाद अप्रैल 2022 से नागालैंड, असम और मणिपुर में सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) के तहत अशांत क्षेत्रों को कम किया. आज एक और महत्वपूर्ण निर्णय करते हुए इन तीनों राज्‍यों में फिर से, 01 अप्रैल, 2023 से, AFSPA के तहत अशांत क्षेत्रों में और कम करने का फैसला किया गया है.  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि यह निर्णय उत्तर-पूर्व भारत की सुरक्षा स्थिति में आए उल्लेखनीय सुधार को देखते हुए लिया गया है. उत्तर पूर्व की सुरक्षा, शांति और विकास को प्राथमिकता देने का काम पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुआ, आज उसके परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर शान्ति और विकास के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है.

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शांतिपूर्ण और समृद्ध उत्तर-पूर्व क्षेत्र की परिकल्पना को साकार करने के लिए पिछले 4 वर्षों में उत्तर-पूर्व राज्यों में कई शांति समझौते लागू किए गए. इसके परिणाम स्वरुप अधिकांश उग्रवादी समूहों ने देश के संविधान और मोदी सरकार की नीतियों में विश्वास जताते हुए हथियार डाले और उत्तर पूर्व की शांति और विकास में सहभागी बने. वर्ष 2014 से अभी तक लगभग 7000 उग्रवादियों ने सरेंडर किया है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *