सूर्यकुमार यादव और दीपक हुड्डा ने विराट कोहली के लिए खोदा ‘गड्ढा’, क्या टी20 टीम से कट जाएगा पूर्व कप्तान का पत्ता?
विराट कोहली का टी20 फॉर्मेट में फॉर्म भले ही अच्छी रही हो, लेकिन अब उनके ऊपर दबाव बढ़ने लगा है। इंग्लैंड के खिलाफ दीपक हुड्डा और सूर्यकुमार ने जिस तरह की बैटिंग की उससे विराट की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
India vs England टी20 सीरीज का दूसरा मैच शनिवार (9 जुलाई) को खेला जाना है। इस मैच के लिए टीम में विराट कोहली, ऋषभ पंत और जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों की टीम में वापसी हो रही है। पहले टी20 इंटरनेशनल मैच में दीपक हुड्डा और सूर्यकुमार यादव ने जिस अंदाज में बैटिंग की, उसे देखते हुए विराट कोहली की प्लेइंग XI में जगह पर खतरा मंडराने लगा है। विराट टी20 इंटरनेशनल में तीसरे नंबर पर बैटिंग करते हैं, लेकिन पिछले कुछ समय में उनका स्ट्राइक रेट और अप्रोच दोनों ही सवालों के घेरे में रहा है।
इंग्लैंड के खिलाफ शनिवार को दूसरे मैच के जरिए पांच महीने बाद टी20 क्रिकेट में वापसी कर रहे भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली पर लंबी खराब फॉर्म से निजात पाने का भारी दबाव होगा। कोहली ने आखिरी टी20 इंटरनेशनल मैच फरवरी में खेला था। अक्टूबर-नवंबर में टी20 वर्ल्ड कप में भारत के खराब प्रदर्शन के बाद से वह सिर्फ दो टी20 मैच खेले हैं।
T20 फॉर्मेट में नहीं रहा है विराट का प्रदर्शन खास
उन्होंने इस दौरान सिर्फ आईपीएल में टी20 क्रिकेट खेला लेकिन उसमें भी उनका प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। टीम की रोटेशन नीति के तहत कोहली और अन्य सीनियर खिलाड़ियों को समय समय पर आराम दिया जाता है। उनकी जगह दीपक हुड्डा जैसे युवा खिलाड़ियों को मौका दिया गया और उनकी फॉर्म को देखते हुए उन्हें टीम से बाहर कर पाना मुश्किल होगा।
नंबर-3 बैटिंग ऑर्डर पर दीपक हुड्डा ने किया है कमाल
कोहली के बैटिंग ऑर्डर पर बल्लेबाजी कर रहे हुड्डा ने इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज के पहले मैच में 17 गेंद में 33 रन बनाए। अगर उन्हें बरकरार रखा जाता है तो कोहली को कप्तान रोहित शर्मा के साथ पारी का आगाज करना होगा। ऐसे में ईशान किशन को बाहर रहना होगा। कोहली ने टी20 में आखिरी अर्धशतक पारी की शुरुआत करते हुए ही बनाया था।
वेस्टइंडीज के खिलाफ टी20 सीरीज से भी विराट कोहली को आराम दिया जा सकता है। ऐसे में इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले सीरीज के दो आखिरी मैच टी20 वर्ल्ड कप को लेकर विराट का भविष्य तय करने के लिए अहम साबित हो सकते हैं। कोहली अपने आप को कई बार साबित कर चुके हैं, लेकिन युवा खिलाड़ियों के बेखौफ खेल को देखते हुए उन्हें फिर अपने चिर परिचित रंग में लौटना होगा।