सीमा पर टकराव के लिए भारत जिम्मेदार, चीन के रक्षामंत्री ने कही यह बात
चीनी रक्षा मंत्री ने सिंगापुर में इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज के 19वें शांगरी-ला डायलॉग में गतिरोध के पीछे की जिम्मेदारी भारत पर फिर से डालने की कोशिश की। जबकि भारत खारिज करता रहा है।
चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगे ने पूर्वी लद्दाख में गतिरोध के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि गतिरोध की जिम्मेदारी चीन की नहीं है। वेई फेंगे ने आगे कहा कि चीन और भारत पड़ोसी हैं और आपस में अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है तथा दोनों देश वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, वेई ने रविवार को कहा कि उन्होंने भारतीय रक्षा मंत्री (राजनाथ सिंह) के साथ बातचीत की थी और यह स्पष्ट कर दिया था कि जिम्मेदारी चीन की नहीं है। चीन और भारत पड़ोसी हैं और अच्छे संबंध बनाए रखना दोनों देशों के हितों को पूरा करता है।
चीन के आरोपों को खारिज करता रहा है भारत
वहीं, गतिरोध शुरू होने के बाद से भारत चीन के आरोपों को लगातार खारिज करता रहा है। भारत इस गतिरोध के लिए चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) को जिम्मेदार ठहराता रहा है, जिसकी हरकतों के बाद ही पूर्व लद्दाख में दोनों देशों के बीच तनाव उत्पन्न हुआ। भारत यह भी कहता रहा है कि एलएसी पर शांति द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
5 मई 2020 से गतिरोध है
भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख में 5 मई 2020 से गतिरोध है, जब पैंगोंग झील क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प शुरू हुई थी। चीन भारत के बॉर्डर इलाकों में पुलों तथा सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहा है। लद्दाख गतिरोध का हल करने के लिए भारत और चीन ने अब तक 15 दौर की सैन्य वार्ता हुई है। वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट और गोगरा क्षेत्र से अपनी सेनाएं पीछे बुला ली थीं। बॉर्डर पर तनाव की जवह से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध खराब स्थिति में पहुंच गया है।
अमेरिकी जनरल की टिप्पणी पर जताई थी चिंता
दोनों देशों के बीच अब तक हुई सैन्या वार्ता को कोई ठोस हल नहीं निकल पाया है। दोनों पक्षों की ओर से हजरों सैनिकों की तैनाती जारी रखी है। दोनों देशों के बीच 31 मई को हुई अंतिम दौरे की कूटनीतिक वार्ता में ज्यादा प्रगति देखने को नहीं मिली थी। दोनों देश सैन्य कमांडरों की अगली बैठक जल्द से जल्द बुलाने पर सहमत हुए हैं। पिछले हफ्ते, चीन ने कहा था कि टॉप अमेरिकी जनरल चार्ल्स ए फ्लिन की टिप्पणी की वह भारत के साथ सीमा पर चीनी निर्माण से वह चितिंत है।