CM का खदान लीज मामलाः चुनाव आयोग ने हेमंत सोरेन को नहीं दी 4 हफ्ते की मोहलत, JMM ने उठाया यह कदम

भारत चुनाव आयोग ने खदान लीज मामले में पक्ष रखने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को दस दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। इस बीच जेएमएम ने जवाब तैयार करने और अगले कदम के लिए पूर्व जस्टिस की सलाह ली है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को खनन लीज मामले में पक्ष रखने के लिए भारत चुनाव आयोग ने दस दिनों का अतिरिक्त समय दिया है। मुख्यमंत्री ने मां की बीमारी का हवाला देते हुए आयोग से चार हफ्तों का अतिरिक्त समय मांगा था। यह जानकारी झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू और केंद्रीय समिति सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्य ने दी है। आयोग ने सोरेन को 10 मई तक अपना पक्ष रखने को कहा था।

झामुमो ने जस्टिस खरे से लिया खनन लीज मामले में परामर्श

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खनन लीज मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वीएन खरे से विधिक राय ली है। झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने पार्टी मुख्यालय पर मीडिया को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की ओर से जानकारी दी गई है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 9 ए के प्रावधान उस मामले में लागू नहीं होंगे, जहां राज्य विधानसभा के सदस्य को राज्य द्वारा खनन पट्टा प्रदान किया गया है।

उन्होंने आगे मत व्यक्त किया गया है कि राज्य सरकार द्वारा राज्य विधानसभा के सदस्य को दिया गया खनन पट्टा न तो राज्य को माल की आपूर्ति के लिए और ना ही कार्य निष्पादन के लिए एक समझौता या एकरारनामा होगा। जस्टिस वीएन खरे ने अपनी राय के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूर्व के सुनाये गये कुछ फैसलों का हवाला भी दिया है। उन्होंने 1964 में सीवीके राव बनाम दंतु भास्करा राव, 2001 में करतार सिंह भडाना बनाम हरि सिंह नलवा केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का उल्लेख किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *