मुंबई में कल बिना किसी कारण हॉर्न बजाना पड़ेगा महंगा, ‘नो हॉकिंग’ अभियान चलाएगी ट्रैफिक पुलिस

पुलिस उपायुक्त (यातायात) राज तिलक रौशन ने कहा कि यह एक प्रवर्तन और जागरूकता अभियान होगा। रौशन ने कहा, “100 से अधिक जंक्शन जहां ट्रैफिक वॉल्यूम शोर अधिक है, वहां फोकस होगा।”

मुंबई ट्रैफिक पुलिस ने शहर भर में शनिवार शाम को दो घंटे के लिए “नो हॉकिंग” अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके मुताबिक, यातायात पुलिस एक विशेष अभियान चलाएगी और शहर में 100 से अधिक जंक्शनों पर पुलिसकर्मियों को तैनात करके जागरूकता फैलाएगी और बिना किसी कारण के हॉर्न बजाते पकड़े गए मोटर चालकों को दंडित करेगी।

पुलिस उपायुक्त (यातायात) राज तिलक रौशन ने कहा कि यह एक प्रवर्तन और जागरूकता अभियान होगा। रौशन ने कहा, “100 से अधिक जंक्शन जहां ट्रैफिक वॉल्यूम शोर अधिक है, वहां फोकस होगा।” बिना किसी कारण के हॉर्न बजाते पकड़े गए मोटर चालकों को सड़क यातायात नियमों को तोड़ने के परिणामों पर वीडियो देखने के लिए ट्रैफिक पुलिस चौकी पर लगभग दो घंटे बिताने होंगे।

इस अभियान की घोषणा मुंबई के पुलिस आयुक्त संजय पांडे ने अपने फेसबुक लाइव सत्र के दौरान की। पिछले दो महीनों में ट्रैफिक पुलिस ने 12,194 मोटर चालकों को अनावश्यक हॉर्न बजाने और 306 ड्राइवरों को साइलेंसर बदलने और ध्वनि प्रदूषण पैदा करने के लिए दंडित किया है।

बाइक में जहां भी मॉडिफाइड साइलेंसर पाए जा रहे हैं, अधिकारी उन्हें हटा रहे हैं और वाहन मालिक से असली साइलेंसर को लगाने के लिए कह रहे हैं। इन कदमों को उठाए जाने के बाद ही दोपहिया वाहनों को शहर में फिर से चलाने की अनुमति दी जाती है।

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि मुंबई की सड़कों पर ध्वनि प्रदूषण के कारण लोग चिड़चिड़े और चिंतित महसूस करते हैं। अधिकारियों ने कहा कि लोग ध्वनि प्रदूषण के कारण मानसिक और शारीरिक प्रभावों की शिकायत करते रहे हैं जिसके परिणामस्वरूप उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) और नींद संबंधी विकार आदि होते हैं। वरिष्ठ नागरिक, बच्चे और गर्भवती महिलाएं अधिक प्रभावित होती हैं।

मुंबई पुलिस ने पिछले दो महीनों में नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। इसलिए मुंबईकरों से पुलिस द्वारा बिना कारण के मॉडिफाइड साइलेंसर, प्रेशर हॉर्न और हॉर्न का इस्तेमाल नहीं करने का आग्रह किया गया है।

इस अभियान के साथ, पुलिस शहर में ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए तत्पर है क्योंकि इससे सुनने की क्षमता भी कम हो रही है। यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, “हमने शनिवार को दो घंटे ‘नो होन्किंग’ को समर्पित किए हैं। ये अभियान भविष्य में भी चलाए जाएंगे।”

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