कांग्रेस के चरित्र को लेकर आश्चर्य होता है, डॉ. रमन बोले- मोदी भी ED में पेश हो चुके, कांग्रेसियों की तरह मेला-ठेला लेकर प्रदर्शन नहीं किया
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी व राहुल गांधी को ईडी द्वारा बुलाए जाने व कांग्रेस के प्रदर्शन पर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के चरित्र को लेकर आश्चर्य होता है।
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को समन जारी करने और सोमवार को ईडी दफ्तर में पूछताछ के लिए बुलाए जाने को लेकर देश की राजधानी दिल्ली और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में कांग्रेस के नेताओं ने प्रदर्शन किया। कांग्रेस नेताओं के इस प्रदर्शन पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने तंज कसा है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि कांग्रेस के चरित्र को लेकर आश्चर्य होता है। यह वही कांग्रेस है, जिसने यह भी देखा था कि गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी को दो बार ईडी ने तलब किया था।
मोदी को तब ईडी ने 9 घंटे बैठाए रखा और पूछताछ हुई थी। तब मोदीजी ने कांग्रेसियों की तरह मेला- ठेला और भीड़भाड़ लेकर कोई प्रदर्शन नहीं किया। अकेले गए और उन्होंने कहा कि हर बात का हिम्मत से जवाब दूंगा। 9 घंटे तक पूछताछ के बाद नरेंद्र मोदी ने ED के अफसरों के पूछा था कि और कोई प्रश्न बाकी है क्या? तब ED के अफसरों ने कहा कि नहीं अब कोई सवाल हमारे पास नहीं है। डॉ. रमन ने कहा कि एक आदमी 9 घंटे तक एक गिलास पानी पीए बिना फाइट कर सकता है। दो बार ईडी के सामने पेश हो गए, लेकिन इस तरह की विरोध प्रदर्शन या हंगामा नहीं किया गया।
इस बात को देखकर यही लगा है चोर मचाए शोर
डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज कांग्रेस के नेता को ईडी ने बुला लिया तो कांग्रेसी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की बात कर रहे हैं। क्या मोदी के साथ कोई आंदोलन हुआ था। आज इस बात को देखकर यही लगा है कि चोर मचाए शोर…। भूपेश जी भी धरना-प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ की क्या हालत बनाकर रखा है। छत्तीसगढ़ में कोयला की ओपी चौधरी ने तस्वीर दिखा दी। 6 महीने से वायरल रहे वीडियो को जारी कर दिया। आज उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर प्रताड़ित कर रहे हैं यानी कोयला चोरों को मत बोलिये…। शराब माफियाओं को मत बोलिये..। अजीब सरकार है छत्तीसगढ़ की। राजनांदगांव के छुरिया में विधायक के पति को एट्रोसिटी एक्ट में अंदर डाल दिए, क्योंकि वो रेत माफियाओं के खिलाफ थे।