आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ ने रेल रोकते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया।

हसदेव अरण्य में कोयला खनन को स्वीकृति देने के ख़िलाफ़ सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ ने रेल रोकते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम किया।

आज दिनांक २० मई २०२२ को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज ने रेल रोको आंदोलन एवं बिलासपुर अम्बिकापुर राष्ट्रीय राजमार्ग को शिवनगर ज़िला सरगुज़ा के पासजाम किया गया ।

छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष, पूर्व सांसद सोहन पोटाई के नेतृत्व में आज इस आंदोलन में छत्तीसगढ़ के सभी ज़िलों से १० हज़ार लोग शामिल हुए ।

छत्तीसगढ़ सरकार की वादाखिलाफ़ी के ख़िलाफ़, अदानी को खनन की सहमति के विरोध में बोलते हुए सोहन पोटाई ने कहा किहसदेव की लड़ाई लड़ने हम संकल्पित है । हसदेव के आदिवासी लोकतांत्रिक तरीक़े से लड़ रहे है और अब ये लड़ाई पूरे प्रदेश की हो चुकी है । यदि हसदेव के आदिवासियों की माँगो को जल्द पूरा नही किया गया तो हम पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन करेंगे । ज़िला और पुलिस प्रशासन द्वारा यदि स्थानीय ग्रामीण पर कोई कार्यवाही की जाएगी तो पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन किया जयेगा ।

संयोजकउमेश्वरसिंहआर्मोने कहाकिलगातारपिछलेचारसालोंसे परसाखदानकी फर्जीग्राम सभाऔर भूमिअधिग्रहणको लेकरआंदोलनचल रहा है।लेकिन प्रशासनलगातारलोगोंके आंदोलनको दबानेऔर अडानीकंपनीके इशारोंपर खननका कार्यकरनेके लिए दबावबनारही है।

छत्तीसगढिया क्रांति सेना के प्रदेश अध्यक्ष अमित बघेल ने कहा कि इस धरती को बचाने का कार्य आदिवासियों ने किया है यही इस धरती के मूल निवासी हैं। भूपेश सरकार यदि हसदेव को उजाड़ने का कार्य करेगी तो क्रांति सेना हर तरीक़े से लड़ाई लड़ने तैयार है। सरकार बना सकते है तो गिरा भी सकते हैं।

प्रशासनिकअधिकारियोंकी सोहन पोटाई जीकी मौजूदगीमें फर्जीग्राम सभाको लेकरचर्चाहुई।जिसमेंग्रामीणोंने बतायाकिफर्जीग्राम सभाकी जांचबिनाग्राम सभासदस्योंके बयानके की गईहै।मंचसे सोहनपोटाई ने कहा किफर्जीग्रामसभा की पुनःजांचहोऔर पेड़ोकीकटाईपूर्णतःबंदकी जाए।इस परएसडीएमने पुनःजांचकरनेका आश्वसनदिया है।

अतएव पाँचवी अनुसूचित क्षेत्र में अनियंत्रितकोयला खनन से आदिवासी ग्राम, उनकी संस्कृति, लाखों पेड़, जैव विविधता और वैधानिक ख़ामियों तथा जन समुदाय का विरोध को देखते हुए परसा कोल ब्लॉक एवं परसा ईस्ट केते बासेन में कोयला खनन को तत्काल बंद करने हेतु आवश्यक कार्यवाही करे अन्यथा इसके विरोध में सर्व आदिवासी समाज द्वारा पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा ।

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