“अगर आपमें दम है…”: भाजपा ने ममता बनर्जी को नागरिकता कानून रोकने की चुनौती दी

केंद्रीय मंत्री और बनगांव से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने भी कहा कि सीएए “पश्चिम बंगाल में एक वास्तविकता होगी, और नरेंद्र मोदी सरकार लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है.”

कोलकाता: 

पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने जोर देकर कहा है कि राज्य में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू किया जाएगा और उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसे लागू होने से रोकने की चुनौती दी. उत्तर 24 परगना जिले के ठाकुरनगर में एक बैठक के दौरान, मतुआ बहुल क्षेत्र में अधिकारी ने कहा कि सीएए में यह नहीं है कि अगर किसी के पास भारतीय नागरिक होने के कानूनी दस्तावेज हैं तो उसकी नागरिकता छीन ली जाएगी.

नंदीग्राम के विधायक ने मुख्यमंत्री की ओर इशारा करते हुए कहा, ”हमने सीएए के बारे में कई बार चर्चा की है. इसे राज्य में लागू किया जाएगा. अगर आपमें दम है तो इसे लागू होने से रोकें.” सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के प्रवासियों को नागरिकता देने की सुविधा प्रदान करता है, लेकिन चूंकि अधिनियम के तहत नियम अभी तक सरकार द्वारा नहीं बनाए गए हैं, इसलिए अब तक किसी को भी इसके तहत नागरिकता नहीं दी जा सकती है.

अधिकारी ने शनिवार को जनसभा में कहा, “मतुआ समुदाय के सदस्यों को भी नागरिकता दी जाएगी.” आपको बता दें कि मतुआ समुदाय की जड़ें बांग्लादेश की हैं. राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मतुआ समुदाय भाजपा और तृणमूल खेमे में विभाजित है. राज्य में अनुमानित 30 लाख मतुआ है. समुदाय का कम से कम पांच लोकसभा सीटों और नदिया, उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों की लगभग 50 विधानसभा सीटों पर प्रभाव है.

केंद्रीय मंत्री और बनगांव से भाजपा सांसद शांतनु ठाकुर ने भी कहा कि सीएए “पश्चिम बंगाल में एक वास्तविकता होगी, और नरेंद्र मोदी सरकार लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है.” इस बीच, तृणमूल नेता और पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि भाजपा 2023 के पंचायत चुनावों और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले “वोट-बैंक की राजनीति पर नजर” के साथ सीएए कार्ड के साथ “खेल” रही है, लेकिन, हम ऐसा कभी नहीं होने देंगे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *